1 फरवरी को प्रस्तुत किए जाने वाले भारत के वित्त वर्ष 26 के केंद्रीय बजट से उपभोक्ता राहत और बाजार के अनुकूल सुधार लाने की उम्मीद है, जिसमें निम्न आय वर्ग के लिए संभावित कर छूट और पूंजीगत लाभ करों में समायोजन शामिल हैं, जिससे उपभोग को बढ़ावा मिल सकता है, शहरी मांग को पुनर्जीवित किया जा सकता है और शेयर बाजार में नई जान आ सकती है।
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